सदैव यात्रा करने वाले मुसाफिर का हुक्म
सामान्य कार्ड
शीर्षक : सदैव यात्रा करने वाले मुसाफिर का हुक्म
भाषा: हिन्दी
अनुवादक: अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
संक्षिप्त विवरण: मैं एक काम काज वाला आदमी हूँ। रोज़ी की तलाश में मेरी यात्रा लगातार जारी रहती है। मैं फर्ज़ नमाज़ों को सदैव अपनी यात्रा के दौरान जमा (एकत्र) करके पढ़ता हूँ, और रमज़ान के महीने में रोज़ा तोड़ देता हूँ। क्या मेरे लिए ऐसा करने का अधिकार है या नहीं है ?
वृद्धि की तिथि: 2010-08-29
संक्षिप्त लिंक: http://IslamHouse.com/320731
यह कार्ड निम्नलिखित भाषाओं में अनुवादित है : अरबी
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