रोज़े की नीयत रात ही में करना
सामान्य कार्ड
शीर्षक : रोज़े की नीयत रात ही में करना
भाषा: हिन्दी
अनुवादक: अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
संक्षिप्त विवरण: क्या रमज़ान के रोज़े की नीयत रात में करना ज़रूरी है, या दिन के समय, जैसे कि अगर आप से चाश्त के समय कहा जाये कि आज का दिन रमज़ान का है, तो क्या आप उसकी क़ज़ा करें गे या नहीं ?
वृद्धि की तिथि: 2010-08-29
संक्षिप्त लिंक: http://IslamHouse.com/320727
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