जन सेवा और इस्लाम

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शीर्षक : जन सेवा और इस्लाम
भाषा: हिन्दी
लेख: जलालुद्दीन उमरी
अनुवादक: मुहम्मद सलीम सिद्दीक़ी
संशोधक: अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
संक्षिप्त विवरण: इस्लाम एक संपूर्ण और व्यापक धर्म है, जिस ने दीन और दुनिया, लोक और परलोक, तथा जीवन के सभी वर्गों में मानव जाति की आवश्यकताओं की पूर्ति की है और उसकी समस्त समसयाओं का उचित समाधान पेश किया है। इस्लाम धर्म की विभिन्न विशेषताओं और गुणों में से एक मानव अधिकार की रक्षा है, जिसका एक महत्वपूर्ण छेत्र जन सेवा है। प्रस्तुत पुस्तक में विस्तारपूर्वक इस्लाम में जन सेवा की कल्पना के विषय पर वार्तालाप किया गया है। इस्लाम ने जिस व्यापक रूप से जन सेवा को परिभाषित किया, उसका महत्व स्पष्ट किया, अपने मानने वालों को इसकी प्रेरणा दी, सेवा के अधिकारी लोगों को सुनिश्चित किया, और जिस प्रकार आध्यात्मिक और नैतिक आधारों पर इसका सुदृढ़ क़ानूनी ढाँचा खड़ा किया है वह अद्वितीय है, बल्कि इसे ईश्वर उपासना और धार्मिक कर्तव्य से संबंधित कर के अनन्त बना दिया।
वृद्धि की तिथि: 2009-10-12
संक्षिप्त लिंक: http://IslamHouse.com/242381
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सामग्री के संलग्न ( 1 )
1.
जन सेवा और इस्लाम
47.9 MB
: जन सेवा और इस्लाम.pdf
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