सुअर की नापाकी से पवित्रता की विधि

फतावे सामान्य कार्ड
शीर्षक : सुअर की नापाकी से पवित्रता की विधि
भाषा: हिन्दी
मुफ्ती: मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
अनुवादक: अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
के प्रकाशन से: इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
संक्षिप्त विवरण: जब मैं छोटी थी तो मैं ने अपने परिवार वालों के साथ विदेश का सफर किया, यात्रा के दौरान हमें सुअर तत्व युक्त बिस्कुट दिया गया। जब मेरी मां को इसका पता चला तो उन्हों ने हमें खाने से रोक दिया। जैसाकि मुझे याद आ रहा है कि हम ने अपने हाथ और मुँह पानी और मिट्टी से (एक बार मिट्टी समेंत सात बार) नहीं धुले थे। जैसाकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का आदेश है कि जब कोई व्यक्ति सुअर या उसका कोई भाग छू लेने पर करे। कुछ वर्षों के बाद मैं अपने देश से बाहर थी और गलती से पोर्क खा लिया और अपने मुँह को पानी और मिट्टी से नहीं धोया। ये दोनों मामले कुछ वर्षों पहले पेश आये थे। मेरे मुँह या हाथ पर सुअर का कोई प्रभाव, स्वाद, या गंध या रंग बाक़ी नहीं था, तो क्या अब ज़रूरी है कि हम उन्हें धुल लें। मुझे भय है कि इन दोनो मामलों के कारण अल्लाह हमारी नमाज़ को नहीं करेगा। कृप्या इसका स्पष्टीकरण करें।
वृद्धि की तिथि: 2009-05-09
संक्षिप्त लिंक: http://IslamHouse.com/207033
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यह कार्ड निम्नलिखित भाषाओं में अनुवादित है : अरबी
सामग्री के संलग्न ( 2 )
1.
सुअर की नापाकी से पवित्रता की विधि
127.3 KB
: सुअर की नापाकी से पवित्रता की विधि.pdf
2.
सुअर की नापाकी से पवित्रता की विधि
1.6 MB
: सुअर की नापाकी से पवित्रता की विधि.doc
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