एकेश्वरवाद की वास्तविकता व अपेक्षाएं

लेख सामान्य कार्ड
शीर्षक : एकेश्वरवाद की वास्तविकता व अपेक्षाएं
भाषा: हिन्दी
संशोधक: अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
के प्रकाशन से: साइट इस्लाम धर्म www.islamdharma.org
संक्षिप्त विवरण: एकेश्वरवाद की वास्तविकता व अपेक्षाएं : एकेश्वरवाद ही सभी संदेष्टाओं के मिशन का आधार रहें है। अल्लाह सर्वशक्तिमान को उसके सर्वसंसार का एकमात्र सृष्टा, पालनहार और उपास्य व पूज्य होने, तथा उसके नामों और गुणों में उसे एकता मानने का नाम एकेश्वरवाद है। यह धारणा अगर विश्वास बन जाए तो मनुष्य और उसके जीवन पर बहुत गहरा, व्यापक और जीवंत व जीवन-पर्यंत सकारात्मक प्रभाव डालती है। लेकिन यह उसी समय संभव होता है जब एकेश्वरवाद की वास्तविकता भी भली-भांति मालूम हो तथा उसकी अपेक्षाएं (तक़ाज़े) अधिकाधिक पूरी की जाएं। वरना ऐसा हो सकता है और व्यावहारिक स्तर पर ऐसा होता भी है कि एक व्यक्ति ’एक ईश्वर’ को मानते हुए भी जानते-बूझते या अनजाने में अनेकेश्वरवादी (मुशरिक) बन जाता, तथा एकेश्वरवाद के फ़ायदों और सकारात्मक प्रभावों से वंचित रह जाता है। अनेकेश्वरवाद क्या है, इसे समझ लेना एकेश्वरवाद की वास्तविकता को समझने के लिए अनिवार्य है। प्रस्तुत लेख में इसका वर्णन किया गया है।
वृद्धि की तिथि: 2014-01-12
संक्षिप्त लिंक: http://IslamHouse.com/453325
यह शीर्षक विषय के एतिबार से निम्नलिखित वर्गीकरण के अंतर्गत वर्गीकृत है :
यह कार्ड निम्नलिखित भाषाओं में अनुवादित है : अरबी
सामग्री के संलग्न ( 2 )
1.
एकेश्वरवाद की वास्तविकता व अपेक्षाएं
269.4 KB
: एकेश्वरवाद की वास्तविकता व अपेक्षाएं.pdf
2.
एकेश्वरवाद की वास्तविकता व अपेक्षाएं
2.7 MB
: एकेश्वरवाद की वास्तविकता व अपेक्षाएं.doc
Go to the Top