हदीसः "हामा, सफर, नौअ और ग़ूल कुछ भी नहीं है" का अर्थ

फतावे सामान्य कार्ड
शीर्षक : हदीसः "हामा, सफर, नौअ और ग़ूल कुछ भी नहीं है" का अर्थ
भाषा: हिन्दी
मुफ्ती: मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
अनुवादक: अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
के प्रकाशन से: इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
संक्षिप्त विवरण: मैं ने एक अनोखी हदीस पढ़ी है जिस में "हामा, सफर, नौअ और ग़ूल" का खण्डन किया गया है, तो इन शब्दों का क्या अर्थ है ?
वृद्धि की तिथि: 2010-01-28
संक्षिप्त लिंक: http://IslamHouse.com/267550
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यह कार्ड निम्नलिखित भाषाओं में अनुवादित है : अरबी
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